इस बार.. गुजारिश है तुमसे...
एक काम... ज़रा-सा कर दो ना....
एक... खाली-तपती ...ज़ात मेरी...
एक... सावन... लाकर भर दो ना...
सांसें... उडती हैं.. बेपरवाह...
सांसें... अपनी अब धर दो ना...
मासुम... सी एक ज़मीन कोई...
एक... महका हुआ... शजर दो ना...
बरबस...सुलगती.. रूहोंन को...
दिलों... में एक कसर दो ना....
मंजिलें.. तड़प कर थक गयीं...
एक रास्ता.... बा-असर दो ना...
हम ही तो थे... हम ही तो हैं...
एक बार... इस तरफ.. अब नज़र दो ना...
खामोश है अब...यकीन मेरा...
मुझे.... हौसला-ओ-सबर... दो ना...
मैं... यूँ तो बस.. लिख देता हूँ...
जान.. तुम भी तो कुछ... खबर दो ना....
इस बार... गुजारिश है तुमसे...
एक काम.... ज़रा-सा कर दो ना....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
yaar english mein likha kar
ReplyDeletehindi padhne mein taqleef hoti hai
mitra sir
zameen pe reh ke dimaag aasmaan se miltaa hai
ReplyDeletekabhi mera yeh sar jo tera aastaan se miltaa hai
isii zameen se isii asmaan se miltaa hai
ueh kaun detaa hai aakhir kahan se miltaa hai
suna hai loot liya hai kisi ko rahabar ne
yeh vaqyaa to meri dastaan se miltaa hai
dar-e-habeeb bhi, boot-kadaa bhi, kabaa bhi
yeh dekhna hai aab ke sukoon kahan se miltaa hai
-----------
talab naa ho to kisi dar se kuchh nahi miltaa
agar ho to, dono jahaan se miltaa hai
mitra sir
Geeta: I agree with Mitra Sir, this hindi font is not clear enough.
ReplyDelete